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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥
सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥
कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।
वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।
Her variety is claimed to get the most wonderful in many of the 3 worlds, a magnificence that's not merely Actual physical and also embodies the spiritual radiance of supreme consciousness. She is usually depicted as being a resplendent sixteen-12 months-outdated Woman, symbolizing eternal youth and vigor.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।
सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥
The legend of Goddess Tripura Sundari, often called Lalita, is marked by her epic battles versus forces of evil, epitomizing the eternal battle between very good and evil. Her tales are not simply stories of conquest and also carry deep philosophical and mythological significance.
कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं
ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है here जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?
Cultural functions like people dances, songs performances, and performs may also be integral, serving as being a medium to impart conventional tales and values, Specifically into the more youthful generations.
भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।
मन्त्रिण्या मेचकाङ्ग्या कुचभरनतया कोलमुख्या च सार्धं